कौन मुझे बहलाए ? अलार्म के थपेड़ों से जागती हूँ, आगे बढ़ने से डरती हूँ, कि कहीं चूक न हो जाए,... कौन मुझे बहलाए ? अलार्म के थपेड़ों से जागती हूँ, आगे बढ़ने से डरती हूँ, क...
टूटी हुई आस है ज़िन्दगी ये धुआँ है पत्थरों का शहर है कोई इंसा ही कहाँ है टूटी हुई आस है ज़िन्दगी ये धुआँ है पत्थरों का शहर है कोई इंसा ही कहाँ है
गुज़रे ज़माने, भूले रिश्तों से, क्यों नहीं नाता तोड़ू मैं। गुज़रे ज़माने, भूले रिश्तों से, क्यों नहीं नाता तोड़ू मैं।
जिनके दुख से रिसती रहती है नदियों- सी पीर जाता जहां थकान मिटाने मेरा तप्त शरीर जिनके दुख से रिसती रहती है नदियों- सी पीर जाता जहां थकान मिटाने मेरा तप्त शर...
तेरे मन का दृढ़ निश्चय तुझको राह दिखाऐगा तेरे मन का दृढ़ निश्चय तुझको राह दिखाऐगा
सड़क भले ही टूटा था विकास अभी अधूरा था, पर वो बूढ़ा पेड़ ही बरसों से वीरान राह का तोहफ़ा सड़क भले ही टूटा था विकास अभी अधूरा था, पर वो बूढ़ा पेड़ ही बरसों से वीरान रा...